14 वर्षीय मुक्केबाज मोहम्मद यासिर को राजौरी अब अपना गौरव मानता है. यासिर ने अंडर-14 सब-जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर जम्मू और कश्मीर का नाम ऊंचा किया है. यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि 30 वर्ष बाद जम्मू और कश्मीर ने इस उम्र वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया है. यासिर की इस जीत ने न सिर्फ़ राजौरी को राष्ट्रीय बॉक्सिंग के नक्शे पर स्थापित किया, बल्कि पीएम मोदी की खेलो इण्डिया पहल को भी एक मिसाल के रूप में कायम किया.
नोएडा में 6 से 13 अगस्त तक आयोजित चौथे सब-जूनियर नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में यासिर ने 52-55 किलोग्राम वर्में बहुत बढ़िया प्रदर्शन किया. उन्होंने पांच लगातार मुकाबले जीते और फाइनल में मणिपुर के नेल्सन ख्वैराकपम को हराकर स्वर्ण पदक अपने नाम किया. यासिर की इस जीत को उनके कोच इश्तियाक मलिक की मेहनत और खेलो इण्डिया बॉक्सिंग सेंटर, राजौरी की सुविधाओं का नतीजा कहा जा रहा है.
जम्मू-कश्मीर बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष रविंदर रैना ने बारिश के बीच राजौरी में यासिर के घर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया. रैना ने कहा, मोहम्मद यासिर राजौरी और जम्मू और कश्मीर का सच्चा हीरो है. मुझे विश्वास है कि वह भविष्य में एशियाई खेलों और ओलंपिक में हिंदुस्तान का नाम रोशन करेगा.
उन्होंने इस उपलब्धि का श्रेय खेलो इण्डिया योजना को दिया, जिसके अनुसार राजौरी में बॉक्सिंग सेंटर स्थापित हुआ, जहां यासिर ने अपने कौशल को निखारा. रैना ने कोच इश्तियाक मलिक की भी सराहना की, जिन्होंने यासिर को चैंपियन बनाने में दिन-रात मेहनत की.
यासिर की कहानी प्रेरणा से भरी है. छह वर्ष पहले अपने पिता को खो चुके इस मुक्केबाज की मां, नसीम अख्तर, एक घरेलू सहायिका के रूप में काम करती हैं. परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा था. यासिर ने अपनी पढ़ाई और प्रशिक्षण के लिए एमबीबीएस विद्यार्थियों के लिए खाना बनाकर पैसे कमाए.
इस किशोर ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को बताया, मैं सुबह और शाम को प्रैक्टिस करता था, दिन में विद्यालय जाता था. मेरे कोच ने मेरे लिए बहुत मेहनत की. जीत का श्रेय खेलो इण्डिया गेम्स को देते हुए कहा, मैं पीएम मोदी जी का शुक्रगुजार हूं, जिन्होंने हमें यह मंच दिया. मैं पहला अंडर-15 लड़का हूं, जिसने 20 वर्ष बाद जम्मू और कश्मीर के लिए स्वर्ण पदक जीता. मेरा सपना है कि मैं एशियाई चैंपियनशिप और ओलंपिक में भी स्वर्ण जीतकर राष्ट्र का नाम रोशन करूं.
उनकी मां नसीम ने भावुक होकर कहा, रविंदर रैना जी बारिश में भी मेरे बेटे से मिलने आए. मुझे गर्व है, लेकिन हमारी हालत ठीक नहीं है. हमें आशा है कि गवर्नमेंट हमारी सहायता करेगी.
वहीं, कोच इश्तियाक मलिक ने कहा, यह राजौरी और जम्मू और कश्मीर के लिए गर्व का पल है. खेलो इण्डिया ने हमें प्रतिभाएं खोजने और उन्हें तराशने का मौका दिया. मैं पीएम मोदी और रविंदर रैना का आभार व्यक्त करता हूं. यासिर ने कड़ी मेहनत की और यह स्वर्ण पदक उसी का नतीजा है. यदि खेलो इण्डिया जैसे कोशिश जारी रहे, तो जम्मू और कश्मीर के बच्चे भविष्य में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करेंगे.