Israel-Hamas War: इजरायल और हमास के बीच पिछले दो वर्ष से युद्ध जारी है। इस युद्ध में गाजा में भारी जान और माल का हानि हुआ है। अब इजरायल गाजा पर पूरी तरह से कब्जा करने की प्रयास कर रहा है। इस बीच रविवार को ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने एक समन्वित प्रयास के अनुसार फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे दी। साथ ही दो राज्य निवारण का आह्वान भी किया। जिसपर इजरायल ने कड़ी विरोध जताई है। इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बोला है कि जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा।
क्या कहे पीएम नेतन्याहू?
इजरायली पीएम कार्यालय में प्रकाशित एक कड़े शब्दों वाले बयान में, इस कदम की निंदा की है। साथ ही नेतन्याहू ने अपनी अमेरिकी यात्रा के बाद इन राष्ट्रों को उत्तर देने का संकल्प भी लिया है। नेतन्याहू ने बोला है कि, “कोई फ़िलिस्तीनी राज्य नहीं होगा। हमारी धरती के मध्य में एक आतंकी राज्य को थोपने की इस प्रयास का उत्तर संयुक्त राज्य अमेरिका से लौटने के बाद दिया जाएगा।” इसके साथ ही इजरायली पीएम नेतन्याहू ने इल्जाम लगाया कि फिलिस्तीन को मान्यता देकर, वे “आतंकवाद को भारी इनाम” दे रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने ऐसे न होने का अपना दृढ़ संकल्प भी व्यक्त किया।
आप आतंक को भारी पुरस्कार दे रहे हैं- नेतन्याहू
इजरायली पीएम नेतन्याहू ने बोला कि, “7 अक्टूबर के भयावह नरसंहार के बाद फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देने वाले नेताओं के लिए मेरा एक साफ संदेश है। आप आतंक को भारी पुरस्कार दे रहे हैं। और मेरे पास आपके लिए एक और संदेश है, ऐसा नहीं होने वाला है। जॉर्डन नदी के पश्चिम में कोई फिलिस्तीनी राज्य नहीं होगा। वर्षों से मैंने घरेलू और विदेशी, दोनों तरह के भारी दबाव के बावजूद, उस आतंकी राज्य के निर्माण को रोका है।” बेंजामिन नेतन्याहू ने आगे बोला कि, “हमने यह दृढ़ संकल्प और चतुर राजनेता के रूप में किया है। इसके अलावा, हमने यहूदिया और सामरिया में यहूदी बस्तियों की संख्या दोगुनी कर दी है और हम इसी रास्ते पर चलते रहेंगे।“
ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने फिलिस्तीन को दी मान्यता
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और ब्रिटेन ने रविवार को एक समन्वित कोशिश के अनुसार फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे दी। साथ ही द्वि-राज्य निवारण का आह्वान भी किया। हालांकि, तीनों राष्ट्रों ने बोला कि, हमास को तुरंत अपना अस्तित्व खत्म करना चाहिए। ऑस्ट्रेलियाई पीएम कार्यालय ने एक बयान में बोला कि, “ऑस्ट्रेलिया औपचारिक रूप से स्वतंत्र और संप्रभु फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देता है। ऐसा करके, ऑस्ट्रेलिया फिलिस्तीन के लोगों की अपनी एक अलग राज्य की वैध और लंबे समय से चली आ रही आकांक्षाओं को मान्यता देता है।“