Home » भारत-नेपाल सीमा पर नया गुल खिलाने की तैयारी में है चीन, जानें कैसे पैदा हो रहा है खतरा…

भारत-नेपाल सीमा पर नया गुल खिलाने की तैयारी में है चीन, जानें कैसे पैदा हो रहा है खतरा…

by admin477351

तिब्बत-शिनजियांग के बीच 2000 किलोमीटर लंबी नयी रेल परियोजना को धरातल पर उतारने की तैयारी चल रही है. यह रेल लाइन हिंदुस्तान के अभिन्न अंग अक्साई चिन के करीब से गुज़रेगी. इस रेल लाइन का रूट असली नियंत्रण रेखा (LAC) के बहुत करीब है.चीन 2008 से इस परियोजना की योजना बना रहा था. यह लाइन चीन के शिनजियांग स्थित होतान को तिब्बत के ल्हासा से जोड़ेगी. शिगात्से-ल्हासा और बीजिंग के बीच पहले से ही रेल संपर्क उपस्थित है.

नई लाइन तिब्बत के शिगात्से से प्रारम्भ होगी. जो उत्तर-पश्चिम की ओर नेपाल की सीमा के साथ-साथ चलेगी. इसकी औसत ऊँचाई 4500 मीटर होगी. जो कुलुन, काराकोरम, कैलाश और हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं से होकर गुज़रेगी.चीन की नयी रेल लाइन में चुनौतियाँ भी हैं. रास्ते में ग्लेशियर, जमी हुई नदियाँ और स्थायी रूप से जमी हुई मिट्टी जैसी चुनौतियाँ होंगी. रेलवे का पहला खंड शिगात्से से प्युक्त्सो तक होगा जो रुतोग और पैंगोंग झील के पास से गुज़रेगा.इस परियोजना का उद्देश्य 2035 तक पठार पर ल्हासा को केंद्र बनाकर 5000 किलोमीटर लंबा रेलवे नेटवर्क स्थापित करना है. इससे चीन और मज़बूत होगा.

यह हिंदुस्तान के लिए चिंता का विषय है…
अक्साई चिन विवाद- अक्साई चिन हिंदुस्तान का हिस्सा है और 1950 से चीन के कब्जे में है. 1950 के दशक में चीन ने इस क्षेत्र में एक राजमार्ग बनाया था जो 1962 में भारत-चीन युद्ध का मुख्य कारण बना.सीमा सुरक्षा- चीन असली नियंत्रण रेखा (LAC) के पास रेलवे लाइन के ज़रिए सैनिकों और सैन्य उपकरणों को तेज़ी से तैनात कर सकेगा.

अन्य रेल सेवाओं के विस्तार की तैयारी
चीन ल्हासा से चेंगदू तक अपनी रेलवे लाइन का विस्तार नियंगची मार्ग से आगे करने की भी तैयारी कर रहा है. इसके साथ ही, नेपाल-तिब्बत सीमा पर स्थित गिरोग और चंबी घाटी के यादोंग काउंटी तक भी ट्रेन चलेगी. जहाँ 2017 में डोकलाम टकराव हुआ था. चीन यहाँ पहले ही एक सड़क बना चुका है.

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