रूस के सुदूर पूर्व में स्थित कामचटका प्रायद्वीप पर मंगलवार को क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी से राख का गुबार निकलने लगा। यह राख समुद्र तल से करीब 7 किलोमीटर ऊंचाई तक पहुंच गया और दक्षिण-पूर्व दिशा में प्रशांत महासागर की ओर बढ़ने लगा। यह जानकारी क्षेत्रीय ऑफिसरों ने दी। कामचटका में इमरजेंसी स्थिति मंत्रालय की क्षेत्रीय शाखा ने अपने टेलीग्राम चैनल पर कहा कि राख के बादल के रास्ते में कोई जनसंख्या वाला क्षेत्र नहीं है और कहीं भी राख गिरने की कोई घटना दर्ज नहीं की गई है। साथ ही, ज्वालामुखी के आसपास इस समय कोई भी पर्यटकों का समूह उपस्थित नहीं है।
हवाई यातायात के लिए खतरा
ज्वालामुखी को नारंगी विमानन चेतावनी स्तर में रखा गया है, जो यह दिखाता है कि राख निकलने की आसार अधिक है और यह हवाई यातायात के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार को ज्वालामुखी की गतिविधि तेज हो गई, जब रूसी विज्ञान अकादमी की जिओफिजिकल सर्विस की कामचटका शाखा ने क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी से चार भिन्न-भिन्न तरह के राख के गुबार उठते हुए रिकॉर्ड किए। इनमें से सबसे ऊंचा गुबार समुद्र तल से 9 किलोमीटर ऊपर तक पहुंचा।
10 किलोमीटर तक लोगों से यात्रा से बचने की अपील
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि इस क्षेत्र के कई एक्टिव ज्वालामुखियों से 6 से 10 किलोमीटर तक राख निकल सकती है, इसलिए उन्होंने निवासियों और पर्यटकों से इन ज्वालामुखियों के आसपास 10 किलोमीटर के दायरे में यात्रा करने से बचने को बोला है।
कब से आसमान हुआ राख ही राख?
क्ल्युचेव्स्कॉय ज्वालामुखी समुद्र तल से 4,754 मीटर ऊंचा है और यह यूरेशिया का सबसे ऊंचा एक्टिव ज्वालामुखी है। यह उस्त-कामचत्स्की जिले में स्थित है। ज्वालामुखी की यह गतिविधि 30 जुलाई को कामचटका में आए 8.8 तीव्रता के भूकंप के बाद प्रारम्भ हुई है। यह भूकंप 1952 के बाद इस क्षेत्र का सबसे तेज भूकंप था।
कामचटका में इतनी बड़ी ज्वालामुखी 1737 के बाद देखी जा रही
भूकंप का असर उत्तरी कुरील द्वीप समूह तक महसूस किया गया, जिससे सुनामी की चेतावनी जारी की गई और सेवेरो-कुरीलस्क जिले में आपातकाल घोषित कर दिया गया। रूसी विज्ञान अकादमी की सुदूर पूर्वी शाखा के ज्वालामुखी और भूकंप विज्ञान संस्थान के निदेशक एलेक्सी ओजेरोव ने टीएएसएस समाचार एजेंसी को बताया, “हमारे आंकड़ों के अनुसार, कामचटका में इतनी बड़ी ज्वालामुखी गतिविधि अंतिम बार 1737 में हुई थी, जब 9 तीव्रता का भूकंप आया था।”