रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को बोला कि ऑपरेशन सिंदूर हिंदुस्तान की आत्मनिर्भरता का जीता जागता सबूत है. उन्होंने ऑपरेशन के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों की बहादुरी की सराहना की. पुणे में सिम्बायोसिस स्किल्स एंड प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के दीक्षांत कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, राजनाथ सिंह ने बोला कि ऑपरेशन सिंदूर अपने आप में हमारी आत्मनिर्भरता का जीता जागता सबूत है. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे सशस्त्र बलों द्वारा प्रदर्शित बहादुरी को पूरी दुनिया ने देखा. खास बात यह है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, हमारे बलों ने बड़ी मात्रा में हिंदुस्तान में निर्मित उपकरणों का इस्तेमाल किया.
ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले के बाद प्रारम्भ किया गया था, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी. ऑपरेशन सिंदूर ने पाक और पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ढाँचे पर धावा किया. भारतीय सशस्त्र बलों ने बाद में हुए पाकिस्तानी आक्रमण को भी कारगर ढंग से विफल किया और उसके हवाई ठिकानों पर बमबारी की. हिंदुस्तान की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद, पाकिस्तानी डीजीएमओ ने शत्रुता खत्म करने के लिए अपने भारतीय समकक्ष से संपर्क किया.
इसके अतिरिक्त, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी भारतीय रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बीजेपी गवर्नमेंट के फोकस पर प्रकाश डाला. उन्होंने बोला कि स्वतंत्रता के बाद से रक्षा क्षेत्र में जो स्थितियाँ थीं, हमने उन्हें बदल दिया है. हमने इस बात पर ज़ोर दिया कि हिंदुस्तान अपने सैनिकों के लिए राष्ट्र में ही हथियार बनाएगा. हमारे लिए परिस्थितियाँ बहुत प्रतिकूल थीं. लेकिन हमने हार नहीं मानी. हमने रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने के लिए हर संभव कोशिश किया. और हमें अपने प्रयासों के सकारात्मक रिज़ल्ट दिखने लगे.
राजनाथ सिंह ने युवाओं को सशक्त बनाने के लिए पीएम मोदी की स्किल इण्डिया और स्टार्ट-अप इण्डिया पहल पर भी प्रकाश डाला. राजनाथ सिंह ने बोला कि पीएम मोदी “आत्मनिर्भर भारत” के अपने दृष्टिकोण को समझते हैं और उसे साकार करते हैं, इसलिए युवाओं के कौशल को बढ़ाना जरूरी है, उन्होंने कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय की स्थापना पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा, “2014 से, जब राष्ट्र ने ‘न्यू इंडिया’ की ओर कदम बढ़ाए, पीएम ने बार-बार स्किल इंडिया, स्टार्ट-अप इण्डिया और मेक इन इण्डिया के बारे में बात की है, क्योंकि उन्होंने समझा कि यदि हिंदुस्तान को आत्मनिर्भर बनना है, तो सबसे पहले युवाओं को कुशल बनाना होगा. जैसे ही हम सत्ता में आए, हमने कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए एक समर्पित मंत्रालय की स्थापना की.“