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ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस टीम ने दिल्ली स्थित तिहाड़ जेल का किया निरीक्षण

by admin477351

भगोड़ों को वापस लाने के प्रयासों में हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने एक अहम कदम उठाया है. इसी सिलसिले में, ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम ने हाल ही में दिल्ली स्थित तिहाड़ कारावास का निरीक्षण किया. इस दौरे का मुख्य उद्देश्य विजय माल्या और नीरव मोदी जैसे भगोड़े आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण मामलों में सहायता प्रदान करना है. टीम का उद्देश्य ब्रिटिश अदालतों में यह साबित करना था कि हिंदुस्तान प्रत्यर्पित किए जाने वाले आरोपियों को तिहाड़ कारावास में सुरक्षित और बेहतर माहौल प्रदान किया जाएगा.

दरअसल, हाल ही में ब्रिटिश अदालतों ने तिहाड़ कारावास की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कई मामलों में हिंदुस्तान की प्रत्यर्पण याचिकाओं को खारिज कर दिया था. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने ब्रिटेन को गारंटी दी है कि प्रत्यर्पित किए गए किसी भी आरोपी के साथ कारावास में हाथापाई या किसी भी तरह की गैरकानूनी पूछताछ नहीं की जाएगी.

हाई-प्रोफाइल आरोपियों के लिए एक विशेष एन्क्लेव
भारत से भागे आर्थिक अपराधियों और भगोड़ों को वापस लाने के प्रयासों में इसे एक जरूरी कदम बताया जा रहा है. हाल ही में, ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) की एक टीम दिल्ली स्थित तिहाड़ कारावास पहुँची और वहाँ की सुविधाओं का जायज़ा लिया. जानकारी के अनुसार, CPS की टीम तिहाड़ के उच्च-सुरक्षा वार्ड में गई और वहाँ उपस्थित कैदियों से भी वार्ता की. भारतीय ऑफिसरों ने CPS प्रतिनिधियों को आश्वासन दिया कि आवश्यकता पड़ने पर कारावास परिसर में एक विशेष एन्क्लेव बनाया जाएगा जहाँ विजय माल्या, नीरव मोदी जैसे हाई-प्रोफाइल आरोपियों को सुरक्षित रखा जा सके.

भारत के 178 प्रत्यर्पण निवेदन विदेशों में लंबित हैं
इस पहल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिटेन ऐसे भगोड़े अपराधियों के प्रत्यर्पण में हिंदुस्तान के साथ योगदान करे. अब तक हिंदुस्तान के 178 प्रत्यर्पण निवेदन विदेशों में लंबित हैं, जिनमें से लगभग 20 अकेले ब्रिटेन में ही अटके हुए हैं. इनमें विजय माल्या, नीरव मोदी, हथियार डीलर संजय भंडारी और कई खालिस्तानी नेताओं के नाम शामिल हैं.

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