रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को बोला कि ऑपरेशन सिंदूर ने हिंदुस्तान को आज के युग में सूचना और साइबर युद्ध का महत्व सिखाया है. उन्होंने अपने बुनियादी ढांचे को और भी मज़बूत बनाने की जरूरत पर बल दिया. मध्य प्रदेश के महू में प्रथम त्रि-सेवा संगोष्ठी ‘रण संवाद’ को संबोधित करते हुए, रक्षा मंत्री ने आत्मनिर्भरता को “परम आवश्यक” कहा और बोला कि अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, हालाँकि हिंदुस्तान ने इस रास्ते पर काफी प्रगति की है.
राजनाथ ने इस कार्यक्रम में बोला कि ऑपरेशन सिंदूर ने हमें आज के युग में सूचना और साइबर युद्ध के महत्व को सिखाया है. यह सुनिश्चित करना भी उतना ही जरूरी है कि हमारी सूचना और साइबर संरचना को और भी मज़बूत बनाया जाए. मेरा मानना है कि हमें इस मुद्दे पर गहराई से विचार और गहन विचार करना चाहिए. उन्होंने पाक के विरुद्ध ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हिंदुस्तान के स्वदेशी रक्षा उपकरणों की सराहना की और बोला कि इसकी कामयाबी ने हिंदुस्तान को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का रोडमैप दिया है.
उन्होंने बोला कि ऑपरेशन सिंदूर हमारे स्वदेशी प्लेटफार्मों, उपकरणों और हथियार प्रणालियों की कामयाबी का एक बेहतरीन उदाहरण बनकर उभरा है. इसकी उपलब्धियों ने एक बार फिर रेखांकित किया है कि आने वाले समय में आत्मनिर्भरता एक परम जरूरत है. हमने आत्मनिर्भरता के पथ पर निश्चित रूप से गौरतलब प्रगति की है, लेकिन अभी भी हमें एक लंबा रास्ता तय करना है. मंत्री ने युद्ध के मैदान में बदलते नियमों का ज़िक्र करते हुए बोला कि जो राष्ट्र युद्ध में नेतृत्व करता है, वही खेल को नियंत्रित करता है”.
उन्होंने बोला कि आज दुनिया में, जो भी राष्ट्र युद्ध का मैदान तय करता है, वही खेल और उसके नियमों को नियंत्रित करता है. दूसरों के पास इसका उत्तर देने और उन शर्तों के क्षेत्र में कदम रखने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं है जो उन्होंने स्वयं नहीं चुनी हैं. हमारा कोशिश युद्ध के मैदान और खेल के नियमों को स्वयं परिभाषित करना होना चाहिए, जिससे विरोधी पक्ष को वहाँ लड़ने के लिए विवश किया जा सके ताकि बढ़त हमेशा हमारे पास बनी रहे. ऑपरेशन सिंदूर की कामयाबी अपने आप में एक आदर्श उदाहरण है.