अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ब्रिक्स राष्ट्रों के साझा बयान से भड़क गए हैं। उन्होंने धमकी दी है कि जो भी राष्ट्र अमेरिकी विरोधी नीतियों वाले ब्रिक्स के साथ खड़ा दिखेगा, वो उस पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैक्स लगाएंगे। इसमें कोई भी राष्ट्र अपवाद नहीं होगा। ब्रिक्स राष्ट्रों के बयान की ओर मेरा ध्यान आकृष्ट करने के लिए धन्यवाद। दरअसल, ब्रिक्स राष्ट्रों ने 17वें सम्मेलन के दौरान साझा घोषणापत्र जारी किया है।
ब्रिक्स राष्ट्रों ने साझा घोषणापत्र में कहा, हम एकतरफा मनमाने ढंग से टैरिफ और नॉन टैरिफ विकल्पों का इस्तेमाल करने पर चिंता जताते हैं। हम दुनिया में मुक्त प्रतिस्पर्धी पारदर्शी व्यापार प्रबंध चाहते हैं, जिसमें सभी राष्ट्रों के लिए समान और बिना भेदभाव के व्यापार करने की छूट हो। विश्व व्यापार संगठन को भी इस दिशा में काम करना चाहिए। इस साझा बयान का परोक्ष तौर पर इशारा अमेरिका की ओर था। ट्रंप ने दुनिया के तमाम राष्ट्रों की व्यापार नीतियों को अमेरिका को हानि पहुंचाने वाला कहा है और टैरिफ लगाया है। भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर वार्ता चल रही है और दोनों राष्ट्र जल्द ही नए वाणिज्यिक समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले हैं।
उधर, हिंदुस्तान ने भी अमेरिका के साथ ट्रेड डील को लेकर राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता न करने का रुख दिखाया है। दोनों राष्ट्रों के बीच अंतरिम ट्रेड डील 9 जुलाई के पहले हो सकती है। लेकिन हिंदुस्तान ने कृषि -डेयरी जैसे क्षेत्रों में एक सीमा तय कर दी है। हिंदुस्तान ने बोला है कि गेंद अब अमेरिका के पाले में है।
भारत का यह रुख ट्रंप के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने बोला था कि 12 राष्ट्रों के लिए ट्रेड पॉलिसी का मसौदा तैयार है, ये राष्ट्र चाहें तो इस पर साइन करें या इसे वापस लौटा दें। बताया जा रहा है कि दोनों राष्ट्र जिन क्षेत्रों में टैरिफ को लेकर सहमति बन चुकी है, उसको लेकर ट्रेड डील कर सकते हैं, बाकी असहमति वाले मुद्दों को बाद में हल किया जा सकता है।अमेरिका और हिंदुस्तान के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर फरवरी से वार्ता चल रही है, बताया जा रहा है कि इसे सितंबर-अक्तूबर तक पूरा किया जा सकता है।
भारत ने दो टूक बोला है कि अमेरिका ने जो 26 प्रतिशत का टैरिफ उसके उत्पादों पर लगाया है, उसे तुरंत हटाया जाए। सूत्रों का बोलना है कि यदि ये व्यापार वार्ता असफल रहती है तो टैरिफ खुदबखुद लागू हो जाएगा, क्योंकि इसे तीन महीने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति ने निलंबित किया था।