China Foreign Minister Wang Yi India Visit: भारत और चीन ने आपसी वार्ता के दौरान सीधी उड़ान सेवाओं को जल्द से जल्द फिर से प्रारम्भ करने और अपडेटेड एयर सर्विसेज एग्रीमेंट को आखिरी रूप देने पर सहमति जताई है। दोनों राष्ट्रों ने पर्यटन, व्यापार, मीडिया और अन्य आगंतुकों के वीजा की सुविधा बढ़ाने पर भी सहमति व्यक्त की। यह उड़ानें डोकलाम संकट और Covid-19 महामारी के कारण रुकी हुई थीं।
China Resume Direct Flights: कैलाश मानसरोवर यात्रा जारी
मंगलवार को दोनों राष्ट्रों ने 2026 से तिब्बत में स्थित माउंट कैलाश/गंगरेनपोचे और मणसारोवर झील/मापम यून त्सो की भारतीय तीर्थयात्रा को जारी रखने और इसके दायरे का विस्तार करने पर सहमति जताई। सिक्किम के राज्यसभा सांसद डीटी लेप्चा द्वारा संसद में नाथूला मार्ग के पुनः खुलने का मुद्दा उठाने के बाद हिंदुस्तान गवर्नमेंट और सिक्किम गवर्नमेंट ने समन्वित कोशिश किए। नाथूला मार्ग के जरिए यात्रा फिर से प्रारम्भ होने से तीर्थयात्रियों को आध्यात्मिक अनुभव के साथ-साथ पर्यटन और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्थाओं को भी बढ़ावा मिलेगा। (Kailash Mansarovar Yatra 2026)
China Foreign Minister Wang Yi India Visit: प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने वांग यी से की मुलाकात
मंगलवार को पीएम मोदी ने वांग यी, जो सीपीसी सेंट्रल कमेटी के पोलिटिकल ब्यूरो के सदस्य और विदेशी मामलों के निदेशक हैं, से पीएमओ दिल्ली में मुलाकात की। पीएम मोदी ने वांग यी से बोला कि वे अपने हार्दिक संदेश चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पीएम ली कियांग तक पहुंचाएं। उन्होंने शंघाई योगदान संगठन (SCO) टियानजिन समिट में भाग लेने और राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की अपनी प्रतीक्षा जताई। हिंदुस्तान SCO की रोटेटिंग अध्यक्षता का पूरा समर्थन करेगा और समिट की कामयाबी सुनिश्चित करेगा।
पीएम मोदी ने बोला कि हिंदुस्तान और चीन प्राचीन सभ्यताएं हैं, जिनका लंबे समय से मित्रतापूर्ण आदान-प्रदान रहा है। पिछले अक्टूबर में कजान में दोनों राष्ट्रों के नेताओं की मुलाकात द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास का मील का पत्थर साबित हुई। बयान में बोला गया है कि हिंदुस्तान और चीन प्रतिस्पर्धी नहीं, बल्कि साझेदार हैं और दोनों को विकास को तेजी से आगे बढ़ाने का साझा लक्ष्य है। दोनों पक्षों को आदान-प्रदान बढ़ाना, समझ को मजबूत करना और योगदान का विस्तार करना चाहिए। सीमा संबंधी मुद्दों को सतर्कता से संभालना चाहिए ताकि मतभेद टकराव में न बदलें। पिछले नौ महीनों से सीमा पर शांति बनी हुई है, जिससे दोनों राष्ट्रों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति का अवसर मिला है। NSA ने यह भी जानकारी दी कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी शीघ्र ही चीन की यात्रा पर जाएंगे।
आर्थिक और व्यापारिक योगदान में बदलाव
अप्रैल 2025 में ट्रंप प्रशासन द्वारा चीन और हिंदुस्तान समेत कई राष्ट्रों के आयात पर रोक लगाने के फैसला के बाद, चीन ने अपने निर्यात पर कड़े नियम लागू किए। सबसे पहले रेयर अर्थ मैग्नेट और अन्य दुर्लभ धातुओं के निर्यात पर पाबंदी लगाई, इसके बाद बड़ी मशीनरी और टनल बोरिंग मशीनों के निर्यात को सीमित किया। उर्वरक निर्यात को लेकर भी चीन ने अपने निर्यातकों को हतोत्साहित किया, जिसका सबसे अधिक असर हिंदुस्तान पर पड़ा।
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर और वांग यी के बीच हुई बैठक में चीन ने हिंदुस्तान की तीन प्रमुख आर्थिक मांगों पर सकारात्मक कदम उठाने का आश्वासन दिया। इसमें शामिल हैं: उर्वरक आपूर्ति में आ रही बाधाओं को खत्म करना, रेयर अर्थ मैग्नेट की आपूर्ति को बहाल करना और इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के लिए जरूरी टनल बोरिंग मशीन का आयात प्रारम्भ करना। बैठक में असली नियंत्रण रेखा (LAC) पर शांति और स्थिरता, सैन्य तनाव कम करने, और आपसी भरोसे को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।