Trump Tariffs Approval: महज एक दिन पहले ही न्यायालय ने लगभग फटकार लगाते हुए फेडरल ट्रेड न्यायालय ने डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ को गैरकानूनी करार दिया था। लेकिन अगले ही दिन ट्रंप को उनकी टैरिफ पॉलिसी पर राहत मिल गई। हुआ यह कि बुधवार को अमेरिकी अंतर्राष्ट्रीय व्यापार न्यायालय ने निर्णय दिया था कि ट्रंप ने 1977 के इंटरनेशनल आपातकालीन इकोनॉमिक पावर्स एक्ट IEEPA का गलत इस्तेमाल करते हुए विदेशों से आयात पर टैरिफ लगाए थे। न्यायालय ने बोला कि यह इमरजेंसी अधिकारों का अवैध इस्तेमाल था क्योंकि लंबे समय से चले आ रहे ट्रेड डेफिसिट को राष्ट्रीय आपातकाल बताना गलत है।
रोक आदेश फिलहाल निलंबित
लेकिन गुरुवार को अमेरिकी फेडरल सर्किट न्यायालय ऑफ अपील्स ने ट्रंप प्रशासन को अस्थायी राहत देते हुए टैरिफ लागू रखने की अनुमति दे दी। न्यायालय ने बोला कि जब तक अपील की प्रक्रिया जारी है तब तक ट्रेड न्यायालय का स्थायी रोक आदेश फिलहाल निलंबित रहेगा। यानी ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ फिलहाल जारी रहेंगे जब तक कि अपील पर आखिरी निर्णय नहीं आ जाता।
कांग्रेस की नज़र से बचने के लिए
एक अमेरिकी रिपोर्ट के अनुसार ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी को पहले ही सात से अधिक मुकदमों में चुनौती मिल चुकी है। मौजूदा मुद्दे दो भिन्न भिन्न याचिकाओं से जुड़े थे। याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि ट्रंप ने कांग्रेस पार्टी की नज़र से बचने के लिए IEEPA का सहारा लिया। न्यायालय ने इस तर्क को ठीक माना और बोला कि दशकों से चला आ रहा ट्रेड घाटा किसी आपात स्थिति का संकेत नहीं है।
शुरुआत में लिबरेशन डे के नाम पर
इसी बीच एक अन्य निर्णय में डिस्ट्रिक्ट न्यायधीश रूडोल्फ कोंट्रेरास ने भी दो इलिनॉय स्थित शैक्षिक खिलौना कंपनियों पर टैरिफ लागू करने से रोक लगा दी। ट्रंप ने आरंभ में लिबरेशन डे के नाम पर 50 फीसदी तक टैरिफ की घोषणा की थी जिसे बाद में 90 दिनों तक स्थगित किया गया। लेकिन 10 फीसदी का बेस टैरिफ अब भी लागू है। फिलहाल न्यायालय के मिले जुले फैसलों ने ट्रंप की ट्रेड पॉलिसी को और पेचीदा बना दिया है। अब देखना है कि उनकी गवर्नमेंट क्या कदम उठाती है।