पीएम नरेन्द्र मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल बरमूडेज़ ने रविवार को 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर एक बैठक के दौरान फार्मास्यूटिकल्स, जैव प्रौद्योगिकी, पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की. विदेश मंत्रालय (एमईए) के एक आधिकारिक बयान के अनुसार, दोनों नेताओं ने आयुर्वेद, एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई), आपदा प्रबंधन और क्षमता निर्माण सहित अन्य क्षेत्रों में योगदान बढ़ाने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
नरेंद्र मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल बरमूडेज ने रविवार को 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से इतर एक बैठक के दौरान औषधि क्षेत्र, जैव प्रौद्योगिकी, पारंपरिक चिकित्सा और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उपायों पर चर्चा की.
औषधि क्षेत्र एवं यूपीआई पर हुई चर्चा
विदेश मंत्रालय (एमईए) के एक आधिकारिक बयान के मुताबिक दोनों नेताओं ने आयुर्वेद, ‘यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस’ (यूपीआई), आपदा प्रबंधन और दक्षता विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में योगदान बढ़ाने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया.
बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य, महामारी और जलवायु बदलाव के क्षेत्रों सहित उन मुद्दों पर काम करने पर सहमति व्यक्त की जो ‘ग्लोबल साउथ’ के लिए चिंता का विषय हैं.इसमें बोला गया कि उन्होंने बहुपक्षीय क्षेत्र में दोनों राष्ट्रों के बीच योगदान की सराहना की. ‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन राष्ट्रों से है, जो प्रौद्योगिकी और सामाजिक विकास के मुद्दे में कम विकसित माने जाते हैं. ये राष्ट्र मुख्यतः दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित हैं. इसमें अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के राष्ट्र शामिल हैं.
रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर क्यूबा के राष्ट्रपति मिगुएल डियाज-कैनेल बरमूडेज से मुलाकात की.’’
उन्होंने कहा, ‘‘दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग, जैव प्रौद्योगिकी, औषधि, आयुर्वेद एवं पारंपरिक चिकित्सा, डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना एवं यूपीआई, आपदा प्रबंधन और दक्षता विकास के क्षेत्रों सहित भारत-क्यूबा संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर विचारों का आदान-प्रदान किया.